फ्लैक्स सीड्स
अलसी के भुने हुए, स्वादिष्ट एवं स्वास्थ्यवर्धक बीज
सम्मिलित सामग्री
* फ्लैक्स सीड्स Flax Seed : Linum unitatissimum
* नीम्बू जूस Lime Juice : Cimis aurantifolia
* हल्दी Haldi : Curcurma longa
* काला नमक Black Salt : Unagua Sodium Chioride
उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए प्रतिदिन फ्लैक्स सीड को अपने आहार का हिस्सा बनायें। अलसी प्राकृतिक और आयुर्वेदिक औषधीय गुणों से परिपूर्ण है । यह मंद गंध युक्त, मधुर, बलकारक, पित्त नाशक और पौष्टिक है। अलसी का उपयोग भारत में हजारों सालों से किया जा रहा है। फ्लैक्स सीड में अन्य किसी भी खाद्य पौधे से 800 गुना अधिक लिगनिन्स (कैंसर प्रतिरोधक) पाये जाते हैं। इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड, विटामिन बी-1, प्रोटीन, फाइबर्स मैग्नीशियम, मैगनीज, फास्फोरस, सेलेनियम पाया जाता है। यह आयरन का बहुत अच्छा स्रोत है। इसमें घुलनशील और अघुलनशील फाइबर्स पाये जाते हैं।
पिछले 50 वर्षों से ओमेगा-3 फैट्स पर काफी शोध किया गया । शोधकर्ताओं के अनुसार ओमेगा-3 फैट्स के कई रोगों से बचाव और उपचार में चमत्कार हुआ है। आहार में पर्याप्त ओमेगा-3 लेने से कई विकारों में फायदा होता है।
अलसी के सेवन से हमारे शरीर को विभिन्न फायदे होते हैं ।
• अलसी में मौजूद हाई फाइबर और लो कार्बोहाइड्रेट्स वजन को नियंत्रित करते हैं । इसके सेवन से भूख कम लगती है, जिससे वजन नियंत्रित होने लगता है।
• इससे एल.डी.एल. कोलेस्ट्रॉल कम होता है जिससे हृदय संबंधी रोग होने की सम्भावना कम हो जाती है। हृदय रोग जैसे कोरोनरी आर्टरी डिजीज और ऐथेरोस्क्लिरोसिसे का खतरा कम हो जाता है। ओमेगा-3 फैट्स रक्तवाहिकाओं को फैलाते हैं और एंटी-एथेरोजेनिक हैं अर्थात् वाहिकाओं में प्लॉक नहीं बनने देता। इस तरह ओमेगा-3 रक्त वाहिकाओं की सफाई करते हैं। रक्त प्रवाह को सुचारू रखते हैं। अलसी में मिलने वाला ओमेगा-3 रक्तवाहिकाओं के लिए बहुत उपयोगी है ओमेगा-3 हृदय की गति को कम करते हैं और घातक ऐरिदमिया से बचाता है। ऐरिदमिया को हार्ट अटैक के बाद मृत्यु का सबसे बड़ा कारण माना जाता है।
• अलसी में विभिन्न प्रकार के एंटी-वायरल तथा जीवाणुरोधी गुण पाये जाते हैं। बार-बार होने वाली सर्दी तथा फ्लू से राहत मिलती है। ओमेगा-3 खून के थक्के नहीं बनने देता है। खून के थक्के बनने से स्ट्रोक, हार्ट अटैक या पलमोनरी एडिमा जैसे घातक रोग होने की संभावना बढ़ जाती है ।
• अलसी में ओमेगा 3 फैटी एसिड तथा विटामिन-बी पाये जाते हैं। इसके प्रयोग से चेहरे से दाग-धब्बे हटने लगते हैं और त्वचा खिल सी जाती है तथा मुंहासे दूर होते हैं।
• अलसी हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में सहायक होती है। इस के प्रयोग से पेट में आयी सूजन भी समाप्त हो जाती है। पाचन संबंधी समस्याएं दूर होने से व्यक्ति का स्वास्थ्य बेहतर हो जाता है।
• ओमेगा-3 मस्तिष्क की कार्य प्रणाली को प्रोत्साहित करता है। इस के प्रयोग से स्मृति तथा शैक्षणिक क्षमता में सुधार आता है, अल्जाइमर रोग से बचाव होता है। मस्तिष्कीय क्षमताएं जैसे एकाग्रता, कल्पनाशीलता, सजगता, सृजनशीलता, विवेकशीलता, दूरदर्शिता तथा बुद्धिमत्ता बढ़
जाती है।
• ओमेगा-3 का सेवन दृष्टिदोष ठीक करने में सहायक है और चश्मा भी उतर सकता है। मोतियाबिंद और काला मोतिया में ओमेगा 3 लाभदायक है । अलसी के प्रयोग से नजर तेज हो
जाती है।
• 15-20 ग्राम अलसी के बीज का एलोवेरा के साथ सेवन करने से कब्ज से छुटकारा मिल सकता है।
• अलसी महिलाओं में हार्मोनिक असंतुलन में सुधार कर मेनोपॉज के खतरे को दूर करती है। अलसी को सुबह ब्रेकफास्ट में खाने से महिलाओं का अनियमित मासिक धर्म नियमित हो सकता है। यह महिलाओं को मासिक धर्म से पहले होने वाले कष्टों को दूर करने में सहायक है।
• ओमेगा-3. हृदय रोग जैसे ऐथेरोस्क्लि रोसिस (वाहिकाओं में प्लाक बनना, वाहिका का संकीर्ण हो जाना) में फायदेमंद है। अलसी का नियमित सेवन उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है। बुढ़ापे में होने वाले जोड़ों के दर्द से भी राहत दिलाने में लाभदायक है।
* अलसी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स से विभिन्न प्रकार के कैंसर का खतरा कम होता है।
• अलसी ओमेगा-3 वेरीकोज वेन्स और रेनाड्स रोग में हितकारी है क्योंकि यह रक्त प्रवाह को प्रोत्साहित करती है तथा फाइब्रिन को नष्ट करती है जो खून का थक्का बनाने में अहम् तत्व माना जाता है।
• अलसी में प्राप्त ओमेगा-3 कई मनोरोग जैसे शिजोफ्रेनिया, एल्जाइमर और मनोदशा विकार जैसे अवसाद में काफी लाभप्रद है। ओमेगा-3 फीलगुड फूड है। यह मन को प्रसन्न रखता है। किशोरावस्था में व्याकुलता, क्रोध, उत्तेजना, आक्रामकता और आपराधिक प्रवृत्ति को कम करने में सहायक है।
• अलसी का ओमेगा-3 दर्द और ऐंठन आदि में बहुत लाभदायक है। अलसी त्वचा, नाखून और बालों को स्वस्थ बनाती है। अलसी का सेवन करने से व्यक्ति तमाम बीमारियों से मुक्त रहते हुए स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकता है।
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