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श्री तुलसी के बारे में सबसे सटीक जानकारी । जरूर पढ़िये ।

 श्री तुलसी



तुलसी को जड़ी-बूटियों की रानी माना जाता है। तुलसी को लोग देवी के रूप में पूजते हैं। तुलसी सभी उम्र के लोगों के लिये लाभदायी है और यह पौष्टिक गुणों से भरपूर है। तुलसी में विटामिन्स और मिनरल्स जैसे कि विटामिन ए, बीटाकेरोटीन, पोटैशियम, आयरन, कॉपर, मैगनीज़ और मैग्नीशियम की मात्रा भरपूर है। तुलसी दिल के रोगियों के लिए बेहतरीन टॉनिक है। संक्रमण को रोकने के लिए तुलसी का इलाज बहुत प्रभावी है। यह एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-वायरल, एंटी-एलर्जिक, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-डीसिज गुणों से परिपूर्ण है। तुलसी का प्रयोग एलोपैथी, आयुर्वेद, होम्योपैथी तथा यूनानी दवाओं में भी किया जाता है। महर्षि चरक तुलसी के गुणों का वर्णन करते हुए लिखते हैं- तुलसी, हिचकी, खांसी, विष, श्वास रोग और दर्द को नष्ट करती है। यह पित्त कारक, कफ-वातनाशक और शरीर और खाद्य पदार्थों के दुर्गन्ध को दूर करता है। सिर का भारी होना, माथे का दर्द, आधा शीशी, मिर्गी, नासिका रोग तथा कृमि रोग तुलसी से दूर होते हैं। महर्षि सुश्रुत कहते हैं - (सूत्र- 46) तुलसी कफ, वात, विष विकार, श्वास, खांसी और दुर्गन्ध नाशक है। कफ और वायु को नष्ट करती है।


भाव प्रकाश में वर्णन आता है कि यह हृदय के लिये हितकर, उष्ण तथा अग्निदीपक है। मूत्र विकार, रक्त विकार को नष्ट करती है। यह पित्त नाशक, वात-कृमि तथा दुर्गन्ध नाशक है। यह पसली का दर्द, खांसी, श्वास, हिचकी आदि विकारों को दूर करती है संसार में लगभग 60 तरह की तुलसी के पौधे पाये जाते हैं, लेकिन भारतवर्ष में मुख्यतः 5 तरह की तुलसी के पौधे का इस्तेमाल औषधीय रूप में किया जाता है। आई.एम.सी. की श्री तुलसी भी इन पांचों प्रकार की तुलसी के पौधे का सत् निकाल कर उपयोग में लाया जाता है।


तुलसी 200 बीमारियों में लाभदायक है जैसे :

फ्लू, स्वाइन फ्लू, डेंगू, बुखार, खांसी, जुकाम, जोड़ों के दर्द, ब्लड प्रेशर, मोटापा, शुगर, एलर्जी, हैपेटाइटिस, पेशाब सम्बन्धी समस्या , वात, नकसीर, फेफड़ों की सूजन, अल्सर, तनाव, वीर्य की कमी, थकान भूख में कमी, उल्टी आदि।


* खांसी अथवा गला बैठने पर तुलसी की 4-5 बूंदें गर्म पानी में मिलाकर पीने से खांसी और गले की तकलीफ में आराम मिलता है।

*श्वास की तकलीफ में तुलसी की 4-5 बूंदें, काले नमक के साथ पीने से आराम मिलता है। तुलसी रक्त को साफ करने में सहायक है इसका एंटी-बैक्टीरियल गुण मुंहासों को आने से रोकने में मदद करता है। 

* तुलसी में पाये जाने वाले थाइमोल से त्वचा सम्बन्धी रोगों में लाभ मिलता है । 

* दाद, खुजली और त्वचा की अन्य समस्याओं के लिए तुलसी की बूंदों को प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ दिनों में यह रोग दूर हो सकता है। 

* यदि कनपटी में दर्द हो तो श्री तुलसी को कनपटी पर मलने से आराम मिलता है।


प्रकाशवीर आर्य

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