हर्बल शहद केसर
तुलसी और अदरक से युक्त
सम्मिलित सामग्री
शहद Honey : : .......................
केसर Kesar : : Crocus sativus
अदरक Ginger : : Zingiber officinale
तुलसी Tulsi : : Ocimum sanctum
शहद धरती पर पायी जाने वाली सबसे पुरानी और मीठी चीज है। शहद एक चमत्कारी ऊर्जादायक एवं प्राकृतिक पेय है। प्राचीन वैदिक सभ्यता ने शहद को मानव जाति के लिए प्रकृति का सबसे विशिष्ट उपहार माना है। शहद में शक्कर, मैग्नीशियम, पोटैशियम, कैल्शियम, सोडियम, क्लोरीन, सल्फर, आयरन और फास्फेट जैसे खनिज पाए जाते हैं। शहद में विटामिन बी1, सी, बी6, बी5 और बी3 पाये जाते हैं, शहद में आयोडीन और जिंक भी पाया जाता है।
यह न केवल अव्वल दर्जे का भोजन है बल्कि बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक सभी के लिए उपयोगी है। इसका सेवन नियमित रुप से करना चाहिए । किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के साथ लेने पर शहद उसके गुणों को बढ़ा देता है। आधुनिक अनुसंधान से पता चलता है कि शहद में पौष्टिक एवम् औषधीय गुण पाये जाते हैं। यह सभी उम्र के लोगों के विकास और सामान्य स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है ।
शहद के चमत्कारी गुणः
आयुर्वेदिक ग्रन्थों के अनुसार यह पचने में हल्का, मनभावन, अग्निवर्द्धक, स्वर सुधारक ,नेत्रों के लिए लाभप्रद, बुद्धि बढ़ाने वाला, कफ, कुष्ठ ,अरुचि, अर्श, कृमि, प्यास, वमन, अतिसार, क्षय रोग,रक्तपित्त आदि का नाश करने वाला सौन्दर्यवर्द्धक और शरीर की त्वचा को कोमल बनाने वाला है। शहद दुर्बल हृदय को शक्ति देता है और चर्म रोगों जैसे - फोड़ा, फुन्सी, दाद, खाज आदि में अति उत्तम है।
• बच्चों, वृद्धों तथा किसी बीमारी से उठे कमजोर व्यक्ति को उचित मात्रा में शहद का सेवन अवश्य करना चाहिए क्योंकि यह शरीर को शीघ्र ही बलवान बनाता है और भूख बढ़ाता है।
* शहद में श्री तुलसी की 2-3 बूंदें डालकर सुबह शाम चाटने से बुखार, खांसी, जुकाम, फ्लू, मलेरिया, पेट दर्द, पीलिया, ब्लड प्रेशर आदि में लाभ मिलता है।
* रात को सोते समय एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पी लें। इस प्रयोग से सुबह पेट साफ हो जाता है।
* अजवायन चूर्ण की एक चुटकी को एक चम्मच शहद के साथ दिन में तीन बार लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
* माथे पर शहद का लेप करने से कुछ ही देर में सिर का दर्द जाता रहता है।
* टमाटर या संतरे के रस में एक चम्मच शहद डालकर प्रतिदिन लेने से कब्ज की शिकायत दूर होने लगती है।
* रोजाना शहद के सेवन से किडनी और आंत स्वस्थ रहते हैं।
• पके आम के रस में शहद मिलाकर लेने से पीलिया में लाभ मिलता है।
• दिमागी कमजोरियां दूर होती हैं और शहद के नियमित सेवन से रक्त साफ होता है।
* शहद त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद करता है, जिससे त्वचा पर जल्दी झुर्रिया नहीं पड़ती हैं।
• शहद एक्जिमा, खुजली और अन्य त्वचा विकारों में भी फायदा पहुँचाता है तथा अल्ट्रा-वायलेट किरणों से त्वचा को बचाता है।
* घाव, खरोंच, कटे हुए स्थान या जले हुए स्थान पर शहद लगाने से बैक्टीरिया की वृद्धि रूक जाती है।
* शहद होठों को चिकना और नर्म बनाता है।
* शहद के नियमित उपयोग से स्टेमिना बढ़ता है और थकान कम होती है।
* शहद के नियमित सेवन से एनीमिया दूर होता है और कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी मददगार होता है।
* शहद सांस की समस्या में फायदा पहुंचाता है, कफ कम करता है, इसका उपयोग सांस की नली में संक्रमण का इलाज करने के लिए भी किया जा सकता है।
• शहद रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है तथा संक्रमण की पुनरावृत्ति से भी बचाता है
* इसके नियमित सेवन से मोटापा कम होता है एवं हृदय मजबूत होता है। हृदय सुचारू रूप से काम करता है, इसलिए हृदय संबंधी बीमारियों से बचने के लिए प्रतिदिन शहद खाना अच्छा रहता है।
• सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में नीम्बू और शहद मिलाकर पीने से वजन कम होता है। ऐसा करने से जिगर की सफाई, विषाक्त पदार्थों को हटाने और शरीर से वसा को बाहर करने में मदद मिलती है।
शहद से सम्बन्धित अन्य जरुरी बातें:
* शहद को कभी भी घी, तेल या पानी के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर नहीं खाना चाहिए।
• शहद को गर्म करके पीने से मनुष्य की मृत्यु तक हो सकती है अतः शहद को गर्म करके नहीं लेना चाहिए। इसी प्रकार धूप में चलकर आने के तुरन्त बाद या परिश्रम से शरीर में गर्मी होने पर शहद का प्रयोग न करें।
• मांस-मछली, अण्डा, कटहल, मूली पत्तेदार सब्जी, बड़हल, चीनी, गुड़, मिश्री, वसायुक्त पदार्थ, बर्फ आदि के साथ शहद का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए ।
* सामान्यतः एक बार में अधिक से अधिक तीन तोले ( लगभग 50 ग्राम) मधु का सेवन करना चाहिए /
* छोटे बच्चों को आधा चम्मच से ज्यादा शहद नहीं देना चाहिए।
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